22 सितम्बर 1963 को जन्में श्री अमर अग्रवाल ने महाविद्यालयीन शिक्षा के साथ-साथ शुरू से ही राजनीति में सक्रिय रहते हुए, भारतीय जनता युवा मोर्चा, बिलासपुर के अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक सफर की शुरूवात की। वर्ष 1998 में उन्होंने पहली बार बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका मिला और बड़े अंतर से जनता के प्यार और सहयोग की वजह से जीत हासिल की।
इसके बाद बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से 2003, 2008 एवं 2013 में लगातार जनता ने उन पर अपना विश्वास कायम रखते हुए उन्हें चौथी बार अपना विधायक चुना। छत्तीसगढ़ में 2003 में पहली बार सत्तासीन हुई भाजपा की सरकार में श्री अग्रवाल ने केबिनेट मंत्री का पद सम्भाला और तब से लेकर अब तक मंत्री पद के दायित्वों का निर्वहन कर रहे है, जिसमें उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंपा गया है।
अमर अग्रवाल का जन्म अविभाज्य मध्यप्रदेश में रायगढ़ जिले के सुरम्य वादियों के गोद में बसे खरसिया में 22 दिसंबर 1963 को हुआ| पिता लखीराम अग्रवाल पेशे से व्यवसायी और जनसंघ के सच्चे कार्यकर्ता थे...उनका न केवल प्रदेश में...बल्कि अविभाज्य मध्यप्रदेश में भी पूरी श्रद्धा और आदर के साथ नाम लिया जाता है...न केवल जनसंघ और भाजपा बल्कि विपक्ष में भी वे बाबूजी के नाम से मशहूर थे..छत्तीसगढ़ में बाबू लखीराम को जनसंघ की स्थापना और भाजपा को खड़ा करने का श्रेय हासिल है..लखीराम के पांच बेटों में एक अमर को बचपन से ही पिता की नजदीकियां मिलीं...जनसंघ के बड़े नेताओं का घर में लगातार आना-जाना और आचार विचार का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वे कालेज पहुंचते ही युवाओं के धड़कन बन गये...कामर्स से स्नातक, अमर अग्रवाल के जीवन पर कुशाभाऊ ठाकरे और अटलबिहारी बाजपेयी का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा..लोगों में गहरी पैठ के चलते वे समाज के दुख दर्द से जल्दी ही जुड़ गये...महाविद्यालयीन शिक्षा के दौरान वे सक्रिय राजनीती से जुड़े...और देखते ही देखते भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने
छात्र जीवन के दौरान सघन जनसंपर्क और अपनी कार्यशैली से अमर बिलासपुर वासियों के आंखों के तारे बन गये..जनता में उनकी लोकप्रियता सिर चढ़कर बोलनी लगी..1998 के विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताया ,यह सिलसिला 2003 और 2008 के विधानसभा में भी बना रहा..छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद सन 2003 विधानसभा चुनाव जीतकर अमर अग्रवाल डॉ.रमन सिंह के युवा कबीना मंत्री बनें...इस दौरान उन्होंने वित्त योजना आर्थिक सांख्यिकी वाणिज्य कर और नगरीय प्रशासन मंत्रालय संभाला और अपनी कुशल कार्यशैली का लोहा मनवाया..2006 में स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी संभाला.2008 में एक बार फिर अमर अग्रवाल को वाणिज्य कर,स्वास्थ्य और राजस्व विभाग का दायित्व दिया गया.इसके साथ ही मुख्यमंत्री और जनता के विश्वास को कायम रखते हुए अमर अग्रवाल ने चिकित्सा शिक्षा,राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विभागों को बेहतर प्रबंधन के साथ ऩई दिशा दी...टेक्सेशन पर किये गये कार्यों और उसके परिणामों ने मुख्यमंत्री को भी कायल कर दिया है..राजकोष में वाणिज्यकर से होने वाले आय ने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये..बतौर वाणिज्य कर मंत्रालय मुखिया होने के नाते श्री अग्रवाल ने कर चोरों को अगाह करते हुए नियमों का ना केवल सरलीकरण किया...बल्कि कर प्रणाली को ई.रिटर्न और ई.पेमेन्ट के जरिये हाईटेक भी बनाया
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